Central government 8th pay commission: केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए एक बड़ी और राहत भरी खबर सामने आई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में 28 अक्टूबर को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) के कार्य-अवधि यानी टर्म्स ऑफ रेफरेंस (ToR) को मंजूरी दे दी है। इस घोषणा के बाद अब सरकार कर्मचारियों के वेतन, भत्तों, पेंशन और कई दूसरे लाभों पर संशोधन करने के लिए समिति को औपचारिक रूप से मान्यता मिल चुकी है। इस फैसले से देश भर के एक करोड़ से अधिक सरकारी कर्मचारी और पेंशनभोगी सीधे तौर पर प्रभावित होंगे।
सरकार की ओर से जनवरी 2025 में केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भी कहा था कि 8th Pay Commission को मंजूरी मिल चुकी है और इसकी सिफारिशें 1 जनवरी 2026 से लागू होने की उम्मीद है। कर्मचारियों के बीच इस आयोग का इंतजार कई सालों से किया जा रहा था क्योंकि पिछला 7वां वेतन आयोग 2016 में लागू किया गया था और लगभग हर 10 साल में एक नया पे कमीशन लागू होता है।
- 1 8वां वेतन आयोग: संरचना और कार्यकाल कितना होगा
- 2 8वीं वेतन आयोग की अध्यक्षता कौन कर रहे हैं
- 3 टर्म्स ऑफ रेफरेंस (ToR) क्या होता है?
- 4 8वें वेतन आयोग से किसे फायदा मिलेगा?
- 5 सरकारी कर्मचारियों का मौजूदा वेतन ढाँचा
- 6 8वां वेतन आयोग फिटमेंट फैक्टर | 8वें वेतन आयोग सैलरी
- 7 Central government 8th pay commission कब लागू होगा
- 8 क्यों जरूरी है 8वां वेतन आयोग
- 9 पिछले वेतन आयोगों का प्रभाव
- 10 निष्कर्ष
8वां वेतन आयोग: संरचना और कार्यकाल कितना होगा
सरकार की ओर से जारी आधिकारिक जानकारी के अनुसार यह आयोग एक अस्थायी यानी टेम्पररी बॉडी होगा। इसमें एक चेयरमैन, एक पार्ट-टाइम सदस्य और एक सदस्य-सचिव शामिल होंगे। इस आयोग की सबसे खास बात यह है कि यह अपने गठन की तारीख से अगले 18 महीनों के अंदर सिफारिशें सौंप देगा। अगर जरूरत पड़ी तो आयोग बीच-बीच में अंतरिम रिपोर्ट भी भेज सकता है, जिससे सरकार को जरूरी बिंदुओं पर तेजी से निर्णय लेने में मदद मिल सके।
आयोग का गठन इस उद्देश्य से किया गया है कि बदलती आर्थिक परिस्थितियों और महंगाई के अनुरूप सरकारी कर्मचारियों की आय, भत्तों और पेंशन का मूल्यांकन हो सके।
8वीं वेतन आयोग की अध्यक्षता कौन कर रहे हैं
मोदी सरकार ने इस आयोग की कमान सुप्रीम कोर्ट की पूर्व जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई (justice ranjana prakash desai) को सौंपी है। इसके अलावा, IIM बैंगलोर के प्रोफेसर पुलक घोष पार्ट-टाइम सदस्य होंगे और वर्तमान पेट्रोलियम सचिव पंकज जैन सदस्य-सचिव के रूप में शामिल किए गए हैं। इन तीनों सदस्यों के अनुभव और विशेषज्ञता से उम्मीद की जा रही है कि यह आयोग आर्थिक दृष्टि से संतुलित और कर्मचारियों के हित में व्यवहारिक सिफारिशें देगा।
टर्म्स ऑफ रेफरेंस (ToR) क्या होता है?
सरल भाषा में ToR एक ऐसा ढांचा या फ्रेमवर्क होता है जो यह तय करता है कि आयोग किन-किन विषयों पर अध्ययन और सिफारिशें करेगा। सरकार की मंजूरी के बिना आयोग अपना काम शुरू नहीं कर सकता। इसलिए इस आदेश के जारी होते ही अब 8वें वेतन आयोग का कार्य आधिकारिक रूप से शुरू हो गया है।
देश में केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों (PSUs) और प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों को मिल रहे लाभों और सुविधाओं की तुलना भी आयोग करेगा ताकि किसी भी तरह की वेतन असमानता को रोका जा सके।
8वें वेतन आयोग से किसे फायदा मिलेगा?
इस आयोग से लगभग 50 लाख केंद्रीय सरकारी कर्मचारी सीधे तौर पर लाभान्वित होंगे। इनमें रक्षा से जुड़े कर्मचारी भी शामिल हैं। इसके अलावा लगभग 65 लाख पेंशनभोगियों पर भी इस आयोग की सिफारिशों का असर पड़ेगा। रक्षा सेवा से रिटायर होने वाले लोग भी इस दायरे में आते हैं। इस तरह कुल लाभार्थियों की संख्या लगभग एक करोड़ पहुँचती है।
सरकारी कर्मचारियों का मौजूदा वेतन ढाँचा
एक सरकारी कर्मचारी के वेतन की खास संरचना होती है जिसमें मूल वेतन (Basic Pay), महंगाई भत्ता (DA), मकान किराया भत्ता (HRA) और परिवहन भत्ता शामिल होता है। एंबिट इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज की रिपोर्ट के अनुसार, मूल वेतन कुल आय का लगभग 51.5 प्रतिशत होता है, DA लगभग 30.9 प्रतिशत, HRA लगभग 15.4 प्रतिशत और यात्रा भत्ता लगभग 2.2 प्रतिशत होता है। महंगाई बढ़ने के साथ DA भी बढ़ता है, इसलिए हर पे कमिशन में इसकी पुनर्गणना महत्वपूर्ण मानी जाती है।
8वां वेतन आयोग फिटमेंट फैक्टर | 8वें वेतन आयोग सैलरी
सरकारी कर्मचारियों की सबसे बड़ी उम्मीद फिटमेंट फैक्टर से जुड़ी है। खबरों के अनुसार सरकार 2.46 फिटमेंट फैक्टर पर विचार कर रही है। अगर ऐसा हुआ तो लेवल-1 कर्मचारियों के लिए सबसे बड़ा फायदा देखने को मिलेगा। इस समय बेसिक सैलरी ₹18,000 है, और नए आयोग के लागू होने के बाद इसे बढ़ाकर ₹44,000 तक करने की संभावनाओं पर चर्चा हो रही है। हालांकि अंतिम फैसला आयोग की रिपोर्ट आने के बाद ही लिया जाएगा।
Central government 8th pay commission कब लागू होगा
सरकार ने संकेत दिया है कि इस आयोग की सिफारिशों का प्रभाव 1 जनवरी 2026 से लागू किया जाएगा। यह एक सामान्य प्रक्रिया है क्योंकि हर पे कमीशन का असर उसके गठन के 2 साल बाद दिखता है। परंतु चूँकि ToR की मंजूरी अब मिल चुकी है, इसलिए कार्यवाही तेज़ हो जाएगी।
क्यों जरूरी है 8वां वेतन आयोग
देश में समय के साथ महंगाई बढ़ती रहती है, रोजमर्रा की चीजों के दाम, घर का किराया, शिक्षा और स्वास्थ्य खर्च लगातार बढ़ते हैं। ऐसे में वेतन संरचना को समय-समय पर संशोधित करना जरूरी हो जाता है। इसके बिना कर्मचारियों पर भारी आर्थिक दबाव पड़ सकता है। खासकर रिटायर कर्मचारियों के लिए पेंशन जीवन का एक मुख्य सहारा होती है और पे कमीशन के साथ उनकी पेंशन भी अपडेट होती है।
पिछले वेतन आयोगों का प्रभाव
7वें वेतन आयोग के लागू होने के बाद वेतन में अच्छा सुधार देखने को मिला था और सरकारी कर्मचारियों की खर्च करने की क्षमता बढ़ी थी। इससे बाज़ार और अर्थव्यवस्था में भी सकारात्मक प्रभाव देखने को मिला। इसी तरह 8वें वेतन आयोग के लागू होने से उपभोक्ता मांग बढ़ेगी और बाजार में तेजी आएगी।
निष्कर्ष
Central government 8th pay commission (8वें वेतन आयोग) के लागू होने के बाद देश के लाखों कर्मचारियों और पेंशनधारकों को बड़ा वित्तीय लाभ मिलेगा। बेसिक सैलरी बढ़ने से DA, HRA सहित सभी भत्तों में बढ़ोतरी होगी। सरकार ने आर्थिक संतुलन रखते हुए यह कदम आगे बढ़ाया है ताकि कर्मचारियों का सामाजिक-आर्थिक स्तर और बेहतर हो सके। आने वाले महीनों में आयोग के सुझावों पर नजर बनी रहेगी और वर्ष 2026 से इसका लाभ दिखने की पूरी उम्मीद है।
Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी उपलब्ध रिपोर्ट्स और स्रोतों पर आधारित है। किसी भी निर्णय से पहले आधिकारिक जानकारी की पुष्टि करें।












